Assembly Election Results 2022: उत्तराखंड की जनता ने अगले पांच सालों के लिए अपना प्रथिनिधित्व करने के लिए किस पार्टी को चुना है इसका पता आज चल जाएगा। राजनीतिक दलों ने ईवीएम में बंद चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद बनने वाली संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को हुए मतदान के लिए वोटों की गिनती गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू होगी। राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। कुछ एग्जिट पोल में भाजपा या कांग्रेस को उत्तराखंड में बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन ज्यादातर में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है।
दो बजे साफ हो जाएगी तस्वीर
चंपावत जिले में वोटों की गिनती दो जगहों पर की जाएगी। बाकी के सभी जिलों में एक ही जगह पर सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। सुबह 9 बजे तक रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे। वहीं 11 बजे तक रुझानों के आधार पर पता चल जाएगा की सियासी बयार किस तरफ बह रही है। दोपहर दो बजे तक सभी जगह ईवीएम की गणना पूरी होने के बाद यहां किसकी सरकार बनने वाली है यह साफ हो जाएगा।
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भूपेश बघेल ने किया सरकार बनाने का दावा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देहरादून में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘हम पूर्ण बहुमत के साथ उत्तराखंड में सरकार बनाने जा रहे हैं। विधायक अपना नेता चुनेंगे और पार्टी हाई कमान इसपर फैसला करेगी। अतीत में बीजेपी ने पैसे और अपनी एजेंसियों के बल पर विधायकों को तोड़ने की कोशिश की थी। हम सुनिश्चित करेंगे की इसबार ऐसा ना हो।’
तेज हुई निर्दलीयों की घेराबंदी
एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर की संभावनाओं के बीच भाजपा और कांग्रेस के दिग्गजों ने जीतने की स्थिति वाले अपने बागियों को लेकर सुर नरम कर लिए हैं। वहीं, अपने पक्ष में स्थिति बनने के समीकरणों के मद्देनजर दोनों दलों ने छोटे दल और मजबूत निर्दलीयों की भी घेराबंदी तेज कर दी है। साथ ही दोनों पार्टियां अपने प्रत्याशियों का भी मनोबल बढ़ा रही हैं।
सक्रिय हुए निशंक और विजयवर्गीय
उत्तराखंड में भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता को देखते हुए कांग्रेस सतर्क हो गई है। पार्टी ने नतीजे आने के बाद अपने भावी विधायकों की सुरक्षा की तैयारी भी करनी शुरू कर दी है।
क्षेत्रीय दल निभा सकते हैं अहम भूमिका
राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। कुछ एक्जिट पोल में भाजपा या कांग्रेस को उत्तराखंड में बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन ज्यादातर में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है। ऐसे परिदृश्य में सरकार बनाने में निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल जैसे क्षेत्रीय दलों से विजयी प्रत्याशियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।