ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान (AUS vs PAK) के बीच रावलपिंडी के पिंडी क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। मैच में पांच दिनों तक सिर्फ 14 विकेट ही गिरे थे। इसके बाद पिच पर सवाल उठने लगे। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा ने पिच पर उठ रहे विवाद के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा है कि हम सिर्फ एक तेज और बाउंस वाली पिच बनाकर ऑस्ट्रेलिया की गोद में खेलना नहीं चाहते। पीसीबी प्रमुख ने साथ ही कहा कि यह जरूरी है जब हम घर में खेलें तो अपनी ताकत के हिसाब से खेलें।
रमीज राजा ने पीसीबी की ओर से इंस्टाग्राम पर जारी एक वीडियो में कहा, ‘ड्रॉ टेस्ट मैच टेस्ट क्रिकेट के लिए कभी भी अच्छी बात नहीं होती है। मैं भी इसे अच्छी तरह से समझता हूं क्योंकि पांच दिन में रिजल्ट आ जाना चाहिए। 90 प्रतिशत मैचों में रिजल्ट मिल जाता है। लेकिन मैं दो तीन चीजों को लेकर अपनी बात रखना चाहूंगा। जब मैं पीसीबी में आया था तो उस समय सबसे ज्यादा बात यह की गई थी कि पाकिस्तान की पिचें अच्छी होनी चाहिए। मैं सितंबर में आया था और उस समय तक सीजन शुरू हो चुका था। एक पिच को तैयार करने में पांच से छह महीने का समय लगते हैं। सीजन खत्म होने के बाद हम इस पर काम करेंगे। ऑस्ट्रेलिया से मिट्टी लाई जा रही है। मार्च अप्रैल में सीजन खत्म होने के बाद पूरे पाकिस्तान में 50 से 60 पिचों का फिर से मुआयना किया जाएगा।’
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ऑस्ट्रेलिया की टीम ने रावलपिंडी टेस्ट मैच में तीन तेज गेंदबाज खिलाए थे, लेकिन कोई भी गेंदबाज प्रभावी साबित नहीं हुआ। मैच के बाद पैट कमिंस ने कहा था कि ये पिच बैट और बॉल के कॉन्टेस्ट के लिए नहीं थी। पाकिस्तान ने दो स्पिनर खिलाए थे, जिसमें से एक ने 6 विकेट चटकाए थे। पीसीबी प्रमुख ने कहा, ‘फैंस को जो निराशा हाथ लगी है, मैं उसे समझ सकता हूं। अगर पहले टेस्ट का परिणाम आ जाता तो अच्छा होता। लेकिन यह तीन मैचों की टेस्ट सीरीज है और मुझे लगता है कि अभी बहुत क्रिकेट बाकी है। हम सिर्फ एक तेज और बाउंस पिच बनाकर ऑस्ट्रेलिया की गोद में खेलना नहीं चाहते हैं। यह जरूरी है जब हम घर में खेलें तो अपनी ताकत के हिसाब से खेलें।’
उन्होंने आगे कहा, मैच के दौरान हमारे सोर्स लिमिटेड हो गए। हमारे कुछ खिलाड़ी चोटिल हो गए थे और हमारे पास नए ओपनर थे। पिच कोई जादू की छड़ी नहीं है। हमें अपनी रणनीति के साथ हिसाब से खेलना है। और हमारी रणनीति यह है कि पिच में उछाल कम हो। स्पिनरों के लिए मददगार हो। उछाल वाली पिच पर बल्लेबाजी अच्छी हो।’