उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत ने पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह भर दिया है। मुलायम सिंह यादव की बहू और भाजपा नेता अपर्णा यादव (BJP leader Aparna Yadav) ने इस पर खुशी जताई है। उत्तर प्रदेश में इस बार कुल 7 चरण में मतदान हुआ था।
अपर्णा यादव ने कहा कि जो लोग तुष्टीकरण की राजनीति करते थे उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिला है, मेरे विश्वास की प्रचंड जीत हुई है। जिस तरह से योगी जी ने इसे आत्मसात किया मुझे लगता है कि इससे अच्छी सरकार नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि आज मैं सिर्फ एक ही नारा दूंगी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब के सब हैं भाजपाई। हम 10 मार्च को ‘जय श्री राम’ के साथ सरकार बना रहे हैं…; तुष्टीकरण की राजनीति और जाति के आधार पर राज्य को बांटने वालों के लिए यह करारा जवाब है।
“Hindu-Muslim-Sikh-Isai Sabke Sab Hein Bhaajpayee.” This is an answer to all those who divided (the state) on the basis of appeasement politics, caste. We are forming govt with ‘Jai Shree Ram’ on March 10…; can’t get a better government than this: BJP leader Aparna Yadav pic.twitter.com/dxm0tWNZfL
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 10, 2022
भाजपा 265 और सपा 162 सीटों पर आगे
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों के लिए मतगणना चल रही है। अब तक के रुझानों में भाजपा सुबह से ही मजबूत बढ़त बनाए हुए है, जबकि सपा दूसरे नंबर पर चल रही है। वहीं, कांग्रेस भी बसपा से आगे निकल गई है।
भाजपा की जीत का जश्न मनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। लखनऊ और गोरखपुर समेत प्रदेशभर में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय में इकट्ठा होकर जश्न मना रहे हैं और ‘जय श्री राम’ तथा ‘मोदी योगी जिंदाबाद’ के नारे लगाते हुए पटाखे जलाकर अपनी खुशी का इजहार कर रहे हैं।
इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवा आश्रम में भी एकत्र हुए हैं, जहां वे बड़े स्क्रीन पर चुनाव के नतीजे देख रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर कोई खास हलचल नहीं दिखाई दे रही है।
बता दें कि, 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में सिर्फ 47 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं। वहीं, BSP को 19, कांग्रेस को 07 सीट और अन्य को 5 सीटें मिली थीं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी जीत मिली थी।