UP Election Result 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे का समय बचा है। इससे पहले सोमवार को आए लगभग सभी Exit Polls में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत की भविष्यवाणी की गई है। यदि ईवीएम से निकले आंकड़े भी इसके करीब आते हैं तो यूपी में लगातार दूसरी बार योगी आदित्यनाथ की सरकार होगी। यदि ऐसा होता है तो नोएडा वाला अंधविश्वास भी हमेशा के लिए ध्वस्त हो जाएगा।
दरअसल, यूपी की राजनीति में नोएडा को लेकर पिछले कुछ दशकों में एक अंधविश्वास पनप चुका है। कहा जाता है कि जो मुख्यमंत्री नोएडा आता है उसकी दोबारा सरकार नहीं बनती है। इसी अंधविश्वास का नतीजा है कि 2012 में नोएडा से अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करने वाले अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री बने तो पूरे कार्यकाल में एक बार फिर नोएडा नहीं आए। नोएडा के कार्यक्रमों में वह वर्चुअली ही शामिल हुए थे।
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हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने इस अंधविश्वास को सिरे से खारिज कर दिया। अपने कार्यकाल में वह कई बार नोएडा आए। उनसे जब भी इस विश्वास को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि इस अंधविश्वास को यह खत्म कर देंगे। हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर कहा था कि कोई भी शाश्वत नहीं है। जो यहां जन्मा है, उसे मरना है। इसी तरह कुर्सी भी स्थायी नहीं है। हम अंधविश्वास के नाम पर शासन नहीं करना चाहते हैं बल्कि सत्य दिखाकर और काम करके रहना चाहते हैं।
नोएडा के अंधविश्वास का खौफ इतना अधिक रहा है कि अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री एक बार भी नोएडा नहीं आए। उनसे पहले मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, एनडी तिवारी और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी प्रदेश के प्रमुख शहर नोएडा जाने से परहेज किया। 2007 से 12 के बीच मायावती ने इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया और दो बार नोएडा गईं। लेकिन 2012 में उनकी सरकार गिर जाने के बाद नोएडा अंधविश्वास एक बार फिर चर्चा में आ गया और अखिलेश कभी नोएडा की तरफ कदम नहीं बढ़ा पाए। हालांकि, इसके बावजूद भी 2017 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
कब से है यह अंधविश्वास
इस अंधविश्वास की शुरुात 1988 में हुई थी। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे वीर बहादुर सिंह। उन्हें पार्टी ने पद छोड़ने के लिए कहा था। संयोग से वह नोएडा से ही लौटे थे। ऐसे में यह चर्चा होने लगी कि नोएडा जाना अपशकुन साबित हुआ। माना जाता है कि एनडी तिवारी, कल्याण सिंह के अलावा मुलायम सिंह जैसे नेताओं की भी नोएडा यात्रा के बाद सरकार चली गई थी।